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Wednesday, December 22, 2010

ग़ज़ल

सब्र से काम लेना सीख लिया I

हमने आराम लेना सीख लिया I


हमने गुस्ताख़ होके उनके हुज़ूर,

ख़ुद पे इल्ज़ाम लेना सीख लिया I


कुफ़्रो-ईमाँ से हमको क्या मतलब,

आपका नाम लेना सीख लिया I

(कुफ़्रो-ईमाँ - धर्म - अधर्म)


हमने उल्फ़त में उनके हाथों से,

ज़हर का जाम लेना सीख लिया I


शुक्र कर तुने रंज सहके 'नरेश',

अक्ल से काम लेना सीख लिया I

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